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Friday, July 25, 2008

जवानी के हीले... - jawaani ke heele

जवानी के हीले, हया के बहाने, ये माना के तुम मुझसे परदा करोगी
ये दुनिया मगर तुझ-सी भोली नहीं है, छुपाके मोहब्बत को रुसवा करोगी

बड़ी कोशिशों से, बड़ी काविशों से, तमन्ना की सहमी हुई साजिशों से
मिलेगा जो मौका तो बेचैन होकर, दरीचों से तुम मुझको देखा करोगी

सताएगी जब चाँदनी की उदासी, दुखायेगी दिल जब फिज़ा की खामोशी
उफक़ की तरह खाली नज़रें जमाकर, कभी जो न सोचा वो सोचा करोगी

कभी दिल की धड़कन महसूस होगी, कभी ठंडी सासों के तूफान उठेगें
कभी गिर के बिस्तर पे आहें भरोगी, कभी झुक के तकिये पे रोया करोगी

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