दिल के दीवारो दर पे क्या देखा
बस तेरा नाम ही लिखा देखा
तेरी आंखों में हमने क्या देखा
कभी कातिल कभी खुदा देखा
अपनी सूरत लगी परायी सी
जब कभी हमने आइना देखा
हाय अंदाज़ तेरे रुकने का
वक़्त को भी रुका रुका देखा
तेरे जाने में और आने में
हमने सदियों का फासला देखा
फिर न आया ख़याल जन्नत का
जब तेरे घर का रास्ता देखा
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