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Wednesday, August 19, 2009

मेरी ज़िन्दगी किसी और की - meri zindagi kisi aur ki...

मेरी ज़िन्दगी किसी और की, मेरे नाम का कोई और है,
सर-ए-आइना मेरा अक्स है, पस-ए-आइना कोई और है.

मेरी धडकनों में है चाप-सी, ये जुदाई भी है मिलाप सी,
मुझे क्या पता, मेरे दिल बता, मेरे साथ क्या कोई और है,

ना गए दिनों को खबर मेरी, ना शरीक़-ए-हाल नज़र तेरी,
तेरे देश में, मेरे भेस में, कोई और था, कोई और है,

वो मेरी तरफ निगेरां रहे, मेरा ध्यान जाने कहाँ रहे,
मेरी आँख में कई सूरतें, मुझे चाहता कोई और है.

2 comments:

Nitish said...

Its पस-ए-आइना कोई और है।

Unknown said...

One of my favourite.