तुम नहीं, ग़म नहीं, शराब नहीं,
ऐसी तन्हाई का जवाब नहीं,
गाहे गाहे इसे पढ़ा कीजे,
दिल से बेहतर कोई किताब नहीं,
जाने किस किस की मौत आयी है,
आज रुख़ पे कोई नक़ाब नहीं,
वो करम उँगलियों पे गिनते हैं,
ज़ुल्म का जिनके कुछ हिसाब नहीं,
जो क़यामत न ढा सके 'राही',
वो किसी काम का शबाब नहीं.
ऐसी तन्हाई का जवाब नहीं,
गाहे गाहे इसे पढ़ा कीजे,
दिल से बेहतर कोई किताब नहीं,
जाने किस किस की मौत आयी है,
आज रुख़ पे कोई नक़ाब नहीं,
वो करम उँगलियों पे गिनते हैं,
ज़ुल्म का जिनके कुछ हिसाब नहीं,
जो क़यामत न ढा सके 'राही',
वो किसी काम का शबाब नहीं.
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