दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह,
फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह,
मैनें तुझसे चाँद सितारे कब माँगे,
रौशन दिल, बेदार नज़र दे या अल्लाह,
सूरज-सी इक चीज़ तो हम सब देख चुके,
सचमुच की अब कोई सहर दे या अल्लाह,
या धरती के ज़ख़्मों पर मरहम रख दे,
या मेरा दिल पत्थर कर दे या अल्लाह.
फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह,
मैनें तुझसे चाँद सितारे कब माँगे,
रौशन दिल, बेदार नज़र दे या अल्लाह,
सूरज-सी इक चीज़ तो हम सब देख चुके,
सचमुच की अब कोई सहर दे या अल्लाह,
या धरती के ज़ख़्मों पर मरहम रख दे,
या मेरा दिल पत्थर कर दे या अल्लाह.
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