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Friday, April 11, 2014

दोस्ती जब किसी से की जाए... - dosti jab kisi se ki jaaye

दोस्ती जब किसी से की जाए,
दुश्मनों की भी राय ली जाए,

मौत का ज़हर है फ़िज़ाओं में,
अब कहाँ जा के साँस ली जाए,

बस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ,
ये नदी कैसे पार की जाए,

मेरे माज़ी के ज़ख़्म भरने लगे,
आज फिर कोई भूल की जाए,

बोतलें खोल के तो पी बरसों,
आज दिल खोल कर भी पी जाए.

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