ये भी क्या एहसान कम है देखिये ना आपका,
हो रहा है हर तरफ़ चर्चा हमारा आपका,
चाँद में तो दाग़ है पर आपमें वो भी नहीं,
चौदहवीं के चाँद से बढ़के है चेहरा आपका,
इश्क़ में ऐसे भी हम डूबे हुए हैं आपके,
अपने चेहरे पे सदा होता हैं धोखा आपका
चाँद सूरज धूप सुबह कहकशाँ तारे शमा,
हर उजाले ने चुराया है उजाला आप का.
हो रहा है हर तरफ़ चर्चा हमारा आपका,
चाँद में तो दाग़ है पर आपमें वो भी नहीं,
चौदहवीं के चाँद से बढ़के है चेहरा आपका,
इश्क़ में ऐसे भी हम डूबे हुए हैं आपके,
अपने चेहरे पे सदा होता हैं धोखा आपका
चाँद सूरज धूप सुबह कहकशाँ तारे शमा,
हर उजाले ने चुराया है उजाला आप का.
0 comments:
Post a Comment