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Thursday, March 13, 2014

ये भी क्या एहसान कम है... - ye bhi kya ahsaab kam hai

ये भी क्या एहसान कम है देखिये ना आपका,
हो रहा है हर तरफ़ चर्चा हमारा आपका,

चाँद में तो दाग़ है पर आपमें वो भी नहीं,
चौदहवीं के चाँद से बढ़के है चेहरा आपका,

इश्क़ में ऐसे भी हम डूबे हुए हैं आपके,
अपने चेहरे पे सदा होता हैं धोखा आपका

चाँद सूरज धूप सुबह कहकशाँ तारे शमा,
हर उजाले ने चुराया है उजाला आप का.

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