आज मैंने अपना फिर सौदा किया
और फिर मैं दूर से देखा किया
ज़िन्दगी भर मेरे काम आए उसूल
एक-एक करके उन्हें बेचा किया
कुछ कमी अपनी वफ़ाओं में भी थी
तुम से क्या कहते के तुमने क्या किया
हो गई थी दिल को कुछ उम्मीद सी
ख़ैर तुमने जो किया अच्छा किया
और फिर मैं दूर से देखा किया
ज़िन्दगी भर मेरे काम आए उसूल
एक-एक करके उन्हें बेचा किया
कुछ कमी अपनी वफ़ाओं में भी थी
तुम से क्या कहते के तुमने क्या किया
हो गई थी दिल को कुछ उम्मीद सी
ख़ैर तुमने जो किया अच्छा किया