शोला हूँ भड़कने की गुजारिश नहीं करता,
सच मुहँ से निकल जाता है, कोशिश नहीं करता.
गिरती हुई दीवार का हमदर्द हूँ लेकिन,
चढ़ते हुए सूरज की परस्तिश[1] नहीं करता.
माथे के पसीने की महक आये ना जैसी,
वो खून मेरे जिस्म में गर्दिश[2] नहीं करता
हमदर्द-ए-एहबाब[3] से डरता हूँ 'मुज़फ्फर'
मैं ज़ख्म तो रखता हूँ, नुमाइश[4] नहीं करता.
नवीनतम पोस्ट
1 comments:
hamdartd e Ehbaab Meaning please ?
e mail to ganeshdore@aol.com
Post a Comment