खुदा हमको ऐसी खुदाई ना दे
के अपने सिवा कुछ दिखाई ना दे
खतावार समझेगी दुनिया तुझे
के इतनी ज़ियादा सफाई ना दे
हंसो आज इतना के इस शोर में
सदा सिसकियों की सुनाई ना दे
अभी तो बदन में लहू है बहुत
कलम छीन ले रोशनाई ना दे
खुदा ऐसे एहसास का नाम है
रहे सामने और दिखायी ना दे
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