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Tuesday, March 25, 2014

दिल में अब दर्द-ए-मुहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं... / dil me ab dard-e-muhabbat ke siva kuchh bhi nahin...

दिल में अब दर्द-ए-मुहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं
ज़िन्दगी मेरी इबादत के सिवा कुछ भी नहीं

मैं तेरी बारगाह-ए-नाज़ में क्या पेश करूँ
मेरी झोली में मुहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं

ऐ ख़ुदा मुझसे ना ले मेरे गुनाहों का हिसाब
मेरे पास अश्क-ए-नदामत के सिवा कुछ भी नहीं

वो तो मिटकर मुझ को मिल ही गयी राहत वरना
ज़िन्दगी रंज-ओ-मुसीबत के सिवा कुछ भी नहीं

Saturday, March 22, 2014

इक पल ग़मों का दरिया... - ek pal gamon ka dariya

इक पल ग़मों का दरिया इक पल खुशी का दरिया
थमता नहीं कहीं भी ये ज़िन्दगी का दरिया

आँखें थी वो किसी की या ख़्वाब के जज़ीरे
आवाज़ थी किसी की या रागिनी का दरिया

इस दिल की वादियों में अब ख़ाक उड़ रही है
बहता यहीं था पहले इक आशिक़ी का दरिया

किरणों में हैं ये लहरें या लहरों में हैं किरणें
दरिया की चाँदनी है या चाँदनी का दरिया

Thursday, March 13, 2014

ये भी क्या एहसान कम है... - ye bhi kya ahsaab kam hai

ये भी क्या एहसान कम है देखिये ना आपका,
हो रहा है हर तरफ़ चर्चा हमारा आपका,

चाँद में तो दाग़ है पर आपमें वो भी नहीं,
चौदहवीं के चाँद से बढ़के है चेहरा आपका,

इश्क़ में ऐसे भी हम डूबे हुए हैं आपके,
अपने चेहरे पे सदा होता हैं धोखा आपका

चाँद सूरज धूप सुबह कहकशाँ तारे शमा,
हर उजाले ने चुराया है उजाला आप का.