नवीनतम पोस्ट

Saturday, February 18, 2012

धूप है क्या और साया क्या है - dhoop hai kya aur saya kya hai

धूप है क्या और साया क्या है अब मालूम हुआ,
ये सब खेल तमाशा क्या है अब मालूम हुआ,

हँसते फूल का चेहरा देखूँ और भर आई आँख,
अपने साथ ये क़िस्सा क्या है अब मालूम हुआ,

हम बरसों के बाद भी उसको अब तक भूल न पाए,
दिल से उसका रिश्ता क्या है अब मालूम हुआ,

सहरा-सहरा प्यासे भटके सारी उम्र जले,
बादल का इक टुकड़ा क्या है अब मालूम हुआ.