क्या ख़बर थी इस तरह से वो जुदा हो जाएगा,
ख़्वाब में भी उसका मिलना ख़्वाब सा हो जाएगा,
ज़िन्दगी की क़ैद-ए-ग़म से क्या निकालोगे उसे,
मौत जब आ जायेगी तो खुद ही रिहा हो जाएगा,
दोस्त बनकर उसको चाहा ये कभी सोचा न था,
दोस्ती ही दोस्ती में वो ख़ुदा हो जाएगा,
उसका जलवा होगा क्या जिसका के पर्दा नूर है,
जो भी उसको देख लेगा वो फ़िदा हो जाएगा.
ख़्वाब में भी उसका मिलना ख़्वाब सा हो जाएगा,
ज़िन्दगी की क़ैद-ए-ग़म से क्या निकालोगे उसे,
मौत जब आ जायेगी तो खुद ही रिहा हो जाएगा,
दोस्त बनकर उसको चाहा ये कभी सोचा न था,
दोस्ती ही दोस्ती में वो ख़ुदा हो जाएगा,
उसका जलवा होगा क्या जिसका के पर्दा नूर है,
जो भी उसको देख लेगा वो फ़िदा हो जाएगा.