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Monday, June 6, 2011

तुमने सूली पे लटकते जिसे देखा होगा - tumne sooli pe latakte jise dekha hoga

तुमने सूली पे लटकते जिसे देखा होगा,
वक़्त आएगा वही शख्स मसीहा होगा,

ख्वाब देखा था कि सेहरा में बसेरा होगा,
क्या ख़बर थी कि यही ख्वाब तो सच्चा होगा,

मैं फ़िज़ाओं में बिखर जाऊंगा खुशबू बनकर,
रंग होगा न बदन होगा न चेहरा होगा

Sunday, June 5, 2011

दुनिया जिसे कहते हैं... - duniya jise kahte hain...

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है,
मिल जाये तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है,

अच्छा-सा कोई मौसम तन्हा-सा कोई आलम,
हर वक़्त का रोना तो बेकार का रोना है,

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है,

ग़म हो के ख़ुशी दोनों कुछ देर के साथी हैं,
फिर रस्ता ही रस्ता है हँसना है न रोना है.