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Tuesday, April 20, 2010

गुम सुम ये जहाँ है - gum sum ye jahan hai...

गुम सुम ये जहाँ है, हमदम तू कहाँ है,
ग़मज़दा हो गई, ज़िंदगी आ भी जा,

रात बैठी है बाहे पसारे, सिसकियाँ ले रहे हैं सितारे,
कोई टूटा हुआ दिल पुकारे, हमदम तू कहाँ है,

आज आने का वादा भुला कर, ना-उम्मीदी की आंधी चला कर,
आशियाना वफ़ा का जला कर, हमदम तू कहाँ है.