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Wednesday, August 12, 2009

दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए - dard-e-dil me kami na ho jaye...

दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए
दोस्ती दुश्मनी न हो जाए

तुम मेरी दोस्ती का दम न भरो
आसमान मुद्दई न हो जाए

बैठता हूँ हमेशा रिन्दों में
कहीं जाहिद वली न हो जाए

अपनी खू-ए-वफ़ा से डरता हूँ
आशिकी बंदगी न हो जाए

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