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Monday, August 10, 2009

आप भी आईये हमको भी बुलाते रहिये - aap bhi aaiye humko bhi bulate rahiye...

आप भी आईये हमको भी बुलाते रहिये
दोस्ती जुर्म नहीं दोस्त बनाते रहिये

ज़हर पी जाइए और बांटिये अमृत सबको
ज़ख्म भी खाइए और गीत भी गाते रहिये

वक़्त ने लूट लीं लोगों की तम्मानाएं भी
ख्वाब जो देखिये औरों को दिखाते रहिये

शक्ल तो आपके भी ज़हेन में होगी कोई
कभी बन जायेगी तस्वीर बनाते रहिये

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