नवीनतम पोस्ट

Wednesday, July 22, 2009

तुझे ढूंढता था मैं चारसू - tujhe dhundhata tha main charsu...

तुझे ढूंढता था मैं चारसू, तेरी शान जल्लेजलाल हू,
तू मिला क़रीब-ए-रग-ए-गुलूं, तेरी शान जल्लेजलाल हू,

तेरी याद में है कली कली, है चमन-चमन में हुबल अली,
तू बसा है फूल में हू-ब-हू, तेरी शान जल्लेजलाल हू,

तेरे हुक्म से जो हवा चली तो चटक के बोली कली-कली,
है करीम तू रहीम तू, तेरी शान जल्लेजलाल हू,

तेरा जलवा दोनों जहाँ में है, तेरा नूर कोनोमकां में है,
यहाँ तू ही तू वहाँ तू ही तू, तेरी शान जल्लेजलाल हू

0 comments: