नवीनतम पोस्ट

Thursday, July 16, 2009

मुद्दत में वो फिर ताज़ा मुलाक़ात - muddat me wo phir taza mulaqat...

मुद्दत में वो फिर ताज़ा मुलाक़ात का आलम,
ख़ामोश अदाओं में वो जज़्बात का आलम,

अल्लाह रे वो शिद्दत-ए-जज़्बात का आलम,
कुछ कह के वो भूली हुई हर बात का आलम,

आरिज़ से ढ़लकते हुए शबनम के वो क़तरे,
आँखों से झलकता हुआ बरसात का आलम,

वो नज़रों ही नज़रों में सवालात की दुनिया,
वो आँखों ही आँखों में जवाबात का आलम

0 comments: