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Monday, September 15, 2008

ऐ खुदा रेत के सेहरा को

ऐ खुदा रेत के सेहरा को समंदर कर दे
या छलकती आंखों को भी पत्थर कर दे

तुझको देखा नहीं महसूस किया है मैंने
आ किसी दिन मेरे एहसास को पैकर

और कुछ भी मुझे दरकार नहीं है लेकिन
मेरी चादर मेरे पैरों के बराबर कर दे

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